केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ वाहन चालकों में रोष

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🏀 संघर्ष वाहन चालक मालक संगठनों की ओर से 3 दिन का सख्त बंद

जिला प्रतिनिधि
माइकल मेश्राम

संघर्ष वाहन मालक संघ, महाराष्ट्र ने केंद्र सरकार के विरोध में आज 01/01/2024 से 03/01/2024 तक पूरे महाराष्ट्र में बंद का आह्वान किया है और संगठन ने गोंदिया जिले का प्रभावित क्षेत्र सुदूर, संवेदनशील, नक्सली क्षेत्र सालेकसा तहसील में बंद का आह्वान किया है . तथा मा.तहसीलदार सालेकसा को निवेदन दिया गया है. जिसमे 01/01/2024 से 03/01/2024 तक तहसील में सभी चार पहिया वाहन, ऑटो रिक्शा, माल वाहक, भरी वाहन, स्कूल बसें और अन्य प्रकार के वाहन बंद रहेंगे और सड़क पर नहीं चलेंगे। बंद बुलाने का मुख्य कारण यह है कि केंद्र सरकार ने वर्तमान में जारी कानून के अनुसार दुर्घटनाग्रस्त वाहन चालक द्वारा दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को छोड़कर जानेवाले व्यक्ति को 10 साल की कैद और 7 लाख का जुर्माना देने का फैसला किया है। यह निर्णय ग़लत है और वाहन चालकों के लिए बहुत बड़ी त्रासदी और अन्याय है।
संस्था के अध्यक्ष सुरेश कुमरे ने कहा कि कोई भी वाहन चालक जानबूझ कर दुर्घटना नहीं करता है. रास्ते में कुत्ता बिल्ली भी आ जाए तो भी ड्राइवर बचाने की पूरी कोशिश करता है. लेकिन दुर्घटना को दुर्घटना इसलिए कहा जाता है क्योंकि वह आकस्मिक रूप से घटित होती है। इसका दूसरा पहलू ऐसा की ड्राइवर पूरी कोशिश करता है कि दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाया जाए, लेकिन नागरिक दौड़ते हैं, मारते हैं, वाहनों को जलाते हैं आदि, इसलिए वे अपनी जान बचाने के लिए निकल जाते हैं और यदि व्यक्ति को समय पर इलाज नहीं मिलता है तो वह गंभीर स्थिति में पहुँच जाता है। माना जा रहा है कि सरकार ने जो फैसला लिया है, वह एक ही पहलू को देखते हुवे लिया गया है. तो इसके दूसरे पहलू पर भी सरकार को विचार करना चाहिए और लिए गए फैसले को तत्काल प्रभाव से वापस लेना चाहिए. यह मांग मा. तहसीलदार साहब सालेकसा के माध्यम से सरकार से की गई है.

भारतीय कांग्रेस एवं बहुजन समाज पार्टी सालेकसा का जाहिर समर्थन।
समर्थन पत्र में लिखित रूप से कहा की सरकार ने हिट एंड रन केस को बदल दिया है. इस मामले में सरकार ने ड्राइवर पर 10 साल की जेल और 7 लाख रुपये का आर्थिक जुर्माना लगाने की दमनकारी शर्त लगाई है. यह बदलाव ड्राइवर और परिवहन क्षेत्र में काम करने वालों के लिए अनुचित है। क्षेत्र के विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा किए बिना हिटलर का शाही शासन को दर्शाता है साथ ही संविधान का दुरुपयोग भी समझ आता है। इस अवसर पर तहसील के सभी क्षत्रों से बड़ी संख्या में वाहन चालक उपस्थित थे।