जिला प्रतिनिधि माइकल मेश्राम
विकास के मामले में लगातार उपेक्षित सालेकसा तालुका की सड़कें पिछले कई वर्षों से रख-रखाव और मरम्मत के अभाव में धीरे-धीरे जानलेवा होती जा रही हैं और मुख्य सड़क सहित सभी सड़कें अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही हैं। सालेकसा को पूरे राज्य में अत्याधिक संवेदनशील, नक्सल प्रभावित और आदिवासी तहसिल के रूप में जाना जाता है। आदिवासी और नक्सल प्रभावित होने के कारण इस क्षेत्र को सरकार से भरपूर फंड मिलता है. तो सड़कें इतनी ख़राब क्यों हैं? यही वह प्रश्न है जिसका लोग सामना कर रहे हैं। आनेवाले 22 फरवरी से कचारगड यात्रा का आयोजन किया गया हैl कचारगड यात्रा यह आदिवासी समाज की काशी के रूप मे संपूर्ण भारत मे पहचानी जाती है, किंतु इस मार्ग से श्रद्धालुवो को आने जाने के लिए रोड रस्तो की किसी भी प्रकार की सुचारू रूप से व्यवस्था नही की गयी हैl
महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को जोड़ने वाला यह स्टेट हाईवे पूरी तरह से उखड़ चुका है लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहीं है. इस मार्ग की सुधार की जरुरत महसूस नही होती है. सालेकसा से आमगांव तक मुख्य सड़क बेहद खराब स्थिति में है और सड़क पर गड्ढे होने से नागरिकों और वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.ऐसे में इस सड़क पर सफर करना जानलेवा और खतरनाक होता जा रहा है। लेकिन, संबंधित प्रशासन व जनप्रतिनिधियों ने इस सड़क की मरम्मत की अनदेखी की है.
गड्ढे इतने खतरनाक हो गए हैं कि वाहन चालकों को वाहन चलाने में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गड्ढा बचाने के चक्कर में कई बार दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। कभी गड्ढों से बचने तो कभी सड़क ढूंढने में नागरिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। काबराबांध क्षेत्र में गड्ढों से बचने के दौरान कई बाइक सवार गिरकर घायल हो चुके हैं। आमगाव से सालेकसा तक इतने गड्ढे हैं कि मोटरसाइकिल चालकों को सड़क ढूंढने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस सड़क पर इस दौरान आवाजाही संभव नहीं है। दिन में तो नहीं लेकिन रात में इस सड़क पर अंधेरा रहता है ऐसे मे दुर्घटनाएं हो सकती हैं। कुछ दिन पहले संबंधित विभाग द्वारा सड़क पर बने गड्ढों को भर दिया गया था, किंतु यह गड्डे एक दो महिने मे जस के तस हो जाते है जीस से संबंधित विभाग ने भरे हुए गड्ढों की पोल खोल दिया। वाहन चालक लगातार सड़क पर गड्ढों की शिकायत की लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा इस पर ध्यान नहीं दिया गया।
प्रतिक्रिया
‘सालेकसा – आमगाव रस्ते की स्थिती अत्यंत बिकट हो चुकी है । २२ फरवरी २०२४ से कचारगड यात्रा का आयोजन किया गया है,इस यात्रा मे लाखो की संख्या मे श्रद्धालु इस मार्ग से आते जाते है, किंतु यह मार्ग तो जान लेवा मार्ग है श्रद्धालु यात्रा करे तो कैसे करे❓
– सचिन बहेकार
सामाजिक कार्यकर्ता, सालेकसा‘सालेकसा तहसील इसकी पहचान पुरे राज्य मे पिछडे तहसील के रूप मे होती है इसके बावजुद भी सरकार और अधिकारी सालेकसा – आमगाव मार्ग को दुरुस्त नही कर पा रहे है और भेदभाव कर रहे है । सरकार के विकास कार्य सिर्फ कागज पर ही दिखाई देते है।
-जितेंद्र बल्हारे
गटनेता पंचायत समिती सालेकसा