# मनमोहन सरकार के 10 साल और मोदी सरकार के 10 साल बीत गए फिर भी लोधी समाज को नहीं मिला संविधानिक अधिकार – इंजि राजीव ठकरेले
गोंदिया / महेंद्र लिल्हारे
सन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की स्वतंत्रता प्रथम महिला स्वतंत्रता सेनानी एवं नारी शक्ति की एवं लोधी समाज की प्रेरणा स्रोत अमर बलिदानी वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी जी इनके 166 वे बलिदान दिन के अवसर पर गोंदिया शहर स्थित रानी अवंती बाई लोधी चौक रिंग रोड गोंदिया में बलिदान दिन के अवसर पर शहर के लोधी समाज के कार्यकर्ता गण उनकी सहत उनके साहस एवं शौर्य की को नमन करने के लिए अवंती चौक पर पहुंचे साथ ही साथ ग्रामीण अंचल में कारंजा, पांढराबोडी, पार्डीबांध, जब्बरटोला, हिवरा, रतनारा, सहेसपुर, मुरदाडा, पांजरा, लोधीटोला (धापेवाडा), लोधीटोला (चुटिया), लोधीटोला (सावरी) महलगांव, तुमखेड़ा, चांदनीटोला, नागरा, मुरपार, रावणवाडी, कामठा, कटगटोला, मोहरान टोली, इर्री, चुलोद, दासगांव, ढाकनी, फुलचुर, बरबसपुरा, कटंगी, लोहारा, निलागोंदी आदि गावों में रानी अवंतीबाई लोधी चौक में अवंतीबाई लोधी जी की प्रतिमा /फोटो की पुजा कर गौरवशाली बलिदान दिन पर नमन किया गया साथ ही कई गांवों में भजन संध्या का आयोजन किया गया तो कई गांवों में नगरभोज रखा गया था। ग्राम ढाकनी में तो हर घर से दिया लेकर प्रतिमा के समक्ष लेकर आए थे।
जगह-जगह पर ग्रामीण क्षेत्रों में समाज सेवकों का उद्बोधन भी हुआ जिसमें सभी समाज सेवकों ने लोधी समाज को केंद्र की ओबीसी की सूची में जल्द से जल्द शामिल किया जाना चाहिए इस मांग को लेकर सभी सत्ताधारी एवं विपक्षिय राजनीतिक पार्टियों पर सवाल खड़ा किया गया क्योंकि 10 साल मनमोहन सिंह सरकार के भी बीत गए उसके पश्चात मोदी सरकार के भी 10 साल बीत गए फिर भी लोधी समाज को संवैधानिक अधिकार नहीं मिल सका इसलिए लोधी समाज इस बार पक्के वादे पर ही अपना बहुमत देगा या तो फिर चुनाव बहिष्कार कर राजनीतिक दलों को उनकी जगह दिखाने का काम करेगा। इंजि राजीव ठकरेले ने कहा की पिछले 20 सालों से लोधी समाज को गुमराह किया जा रहा है और लोधी समाज के लाखों युवाओं के संवैधानिक अधिकारों के साथ खिलवाड़ हो रहा है
लोधी समाज जल्दी ही दोनों गोंदिया भंडारा जिले की संयुक्त बैठक लगाकर चुनाव लोकसभा चुनाव के संबंध में निर्णय लेगा ऐसा लोधी समाज के समाजसेवी निरज उपवंशी, रूपचंद ठकरेले, रामेश्वर लिल्हारे, सुनील लिल्हारे, खेमलाल माहुले, नीरज नागपुरे, सुरेश लिल्हारे, संजू बाबा नागपुरे, नंदकिशोर बिरनवार, उमाप्रसाद उपवंशी, सूर्यकांत नागपुरे, अशोक नागपुरे, राजेंद्र नागपुरे,गुलशन अटरे निखिल चिखलोंडे, भुवन नागपुरे, उपेंद्र उपराडे, डिगेश नागपुरे, लक्ष्मण नागपुरे, इशु माहुले, आशाराम मस्करे, प्रविन धामडे, राज मस्करे,गंगा मस्करे, आशिर्वाद लिल्हारे, गोपाल माहुले, अंकुश वर्मा, प्रशांत लिल्हारे, अजय लिल्हारे, संतोष लिल्हारे गजानन नागपुरे, महेंद्र नागपुरे आदि समाज सेवकों ने गांव – गांव जा कर समाज सेवकों ने बलिदान दिवस पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की है एवं उनके गौरवशाली इतिहास को नमन कीया हैं।

