पत्नी, बेटे, ससुर को मारने वाले दामाद को फांशी की सजा

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जिला न्यायाधीश क्रमांक 1  अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मा. एन बी लवटे गोंदिया इनका निर्णय

गोंदिया जिले का ऐतिहासिक फैसला पहली बार हत्यारे आरोपी किशोर शेन्डे को फांसी की सजा

फास्ट्रेक न्यायालय का निर्णय

गोंदिया / धनराज भगत

गोंदिया शहर के अंतर्गत आने वाले सूर्यटोला परिसर का बहुचर्चित हत्याकांड पत्नी, नाबालिग बेटे व ससुर के तिहरा हत्याकांड में गुरुवार 9 मई 2024 को तदर्थ जिला न्यायाधीश क्रमांक 1 वह अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एन बी लवटे द्वारा गोंदिया के इतिहास में पहली बार ऐतिहासिक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए हत्यारे आरोपी किशोर श्रीराम शेन्डे को मृत्युदंड फांसी की सजा सुनाई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रकरण इस प्रकार है की गोंदिया शहर के रामनगर पुलिस थाना अंतर्गत आने वाले सूर्याटोला निवासी देवानंद मेश्राम उसकी बेटी आरती शेन्डे वह नाती जय शेन्डे को उनके दामाद किशोर श्रीराम शेन्डे ग्राम भिवापुर तहसील तिरोडा निवासी द्वारा 14 से 15 फरवरी 2023 के मध्य रात्रि में पेट्रोल डालकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया था जिसमें तीनों की मौत हो गई थी।
मामला इस प्रकार है कि आरोपी किशोर शेन्डे हमेशा ही अपनी पत्नी के चरित्र पर संदेह लेकर उसके साथ मारपीट कर शारीरिक को मानसिक रूप से प्रताड़ित करता रहता था तथा घटना के एक वर्ष पूर्व चरित्र पर संदेह को लेकर ग्राम में उसे बांधकर पिटाई भी की थी इससे घबराकर आरती अपने पिता के घर गोंदिया सूर्यटोला अपने दोनों बच्चों को लेकर आ गई थी। लेकिन आए दिन आरोपी अपनी ससुराल में पहुंचकर विवाद कर अपनी पत्नी को जान से मारने की धमकी भी देता था।
घटना के दिन 14 से 15 फरवरी की मध्य रात्रि उनकी हत्या करने के उद्देश्य से 10 लीटर पेट्रोल लेकर अपनी एक्टिवा से पहुंचा तथा घर के बरामदे में लकवाग्रस्त ससुर देवानंद मेश्राम पर पेट्रोल डालने के पश्चात दरवाजे से घर के अंदर पेट्रोल डालकर दरवाजा खटखटाया जब उसकी पत्नी आरती ने दरवाजा खोला तो माचिस की तीली जलाकर आग लगा दी। इस घटना में देवानंद मेश्राम की घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी तथा आरती व जय गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे जिन्हें उपचार के लिए गोंदिया के शासकीय जिला चिकित्सालय में दाखिल कराया, तथा स्थिति चिंताजनक होने पर आगे के उपचार के लिए नागपुर के मेडिकल कॉलेज में दाखिल कराया गया जहां उपचार के दौरान नाबालिक जय की 15 फरवरी को मौत हो गई वहीं आरती की 21 फरवरी को मौत हो गई।
उपरोक्त मामले में मृतक आरती के भाई फरियादी द्वारा रामनगर पुलिस थाने में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करवाया पुलिस द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी के खिलाफ भादवी की धारा 302, 307, 436 506 के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को हिरासत में लिया गया तथा मामले की गहराई से छानबीन की वह न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया।

फास्ट्रेक न्यायालय में मामला

तिहरा हत्याकांड होने व मामले की गंभीरता को देखते हुए उपरोक्त मामला फास्ट्रेक न्यायालय में दाखिल कराया गया जिसका 6 माह में फैसला आया तथा आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई। इस प्रकरण में विशेष रूप से नागपुर के विशेष सरकारी वकील एडवोकेट विजय काले की नियुक्ति शासन द्वारा पीड़ित व शासन की ओर से की गई।

अँड विजय कोल्हे

न्यायालय में चले प्रकरण के दौरान 19 गवाह तथा मृतक द्वारा मृत्यु पूर्व दिए गए बयान का आधार, चिकित्सा अहवाल के आधार पर आरोपी को सुनियोजित तरीके से हत्या का षड्यंत्र रचने वह हत्या करने का दोषी करार देते हुए तदर्थ जिला न्यायाधीश क्रमांक एक 1 अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एन बी लवटे गोंदिया द्वारा आरोपी किशोर श्रीराम शेन्डे को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 436 की दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 235 (2) के तहत इस दंडनीय अपराध के लिए दोषी करार दिया। तथा भादवी की धारा 302 के तहत आरोपी को मृत्यु दंड तथा 10000 जुर्माने की सजा सुनाई जुर्माना न भरने पर 6 माह का साधारण कारावास।
गोंदिया जिले के इतिहास में एक महत्वपूर्ण फैसले पर निर्णय देते हुए आरोपी को मृत्यु दंड की सजा सुनाई जिसमें आरोपी को मृत्यु होने तक फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा।

मृत्युदंड पर उच्च न्यायालय की पुष्टि

किशोर शेन्डे को सुनाई गई फांसी की सजा में भादवी की धारा 366 के तहत माननीय उच्च न्यायालय द्वारा मौत की सजा की पुष्टि के अधीन दी गई है।
नाबालिक बेटी को जुर्माने की राशि वसूल कर दिया जाए, साथ ही जिला विधि सेवा  प्राधिकरण गोंदिया को निर्देश दिया कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 357 a2 के अंतर्गत शास न द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे की सहायता दी जाए।

मिला न्याय

पति, बेटी और नाती की जलाकर दर्दनाक हत्या करने वाले आरोपी की फांसी की सजा मिलने पर न्यायालय परिसर में उपस्थित मृतक देवानंद की पत्नी ममता मेश्राम द्वारा अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें न्यायालय द्वारा आज न्याय दिया गया है तथा आरोपी को जल्द
से जल्ट फांसी पर लटकाया जाए।

पुलिस कर्मियों की न्यायमूर्ति ने की सराहना

हत्याकांड का मामला फास्ट्रेक न्यायालय में चलाया गया जहां रामनगर पुलिस थाने की ओर से न्यायालीन कार्य के लिए पुलिस हवालदार देवीनंदन काशिवार तथा महिला पुलिस हवालदार नमिता लांजेवार की नियुक्ति की गई थी जिनके द्वारा किए गए सहयोग पर न्यायमूर्ति द्वारा उनकी सराहना की गई यह भी विशेष उल्लेखनीय रहा।

साभार:बुलंद गोंदिया

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