आमगांव : विश्व हिन्दू परिषद परिषद की स्थापना १९६४ में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन स्वामी चिन्मयानंद, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज, मास्टर तारा सिंह , पूर्व सरसंघचालक माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर गुरुजी, आदि मान्यवरों की उपस्थिति में हुई थी।
इसका ६० वा वर्धापन दिन आमगांव के कृषि उत्पन्न बाजार समिति के विशाल प्रांगण में १ सितम्बर २०२४ धर्म सभा आयोजित करके उत्साहपूर्वक संपन्न हुआ।
विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना विश्व के सभी हिन्दुओं को संगठित करने, महान सनातन हिन्दू संस्कृति तथा हिन्दुओं की रक्षा के लिए की गयी। विभिन्न देशों मे विश्व हिंदू परिषद की शाखाएं है तथा यह हिन्दू हितों की रक्षा के लिए समर्पित संस्था है।
२२ जनवरी २०२४ को अयोध्या में राममंदिर के निर्माण में विश्व हिन्दू परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका थी। विश्व हिन्दू परिषद बजरंग दल के माध्यम से लव्ह जिहाद,व्हलेन्टाईन डे के विरोध में एवं गौ माता की रक्षा का कार्य किस प्रकार करती है, इसे अनेक ज्वलंत उदाहरण देते हुए विश्व हिन्दू परिषद की विशद जानकारी कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता रमन जी सिंगल, विभाग मंत्री गोंदिया भंडारा इन्होंने अपने ओजस्वी व्याख्यान मे दी।
भारतवर्ष में हिन्दुओं को धमकाया जा रहा है। हिन्दुओं को धर्मांतरण कराया जा रहा है। विधर्मियों ने धर्मांतरण का जाल गांवों में भी बिछा दिया है। लव्ह जिहाद के कारण हमारी कन्याएं असुरक्षित है। इस परिस्थिति के कारण भारत में अराजकता जैसी स्थिति है और हिन्दू समाज संकट से घिर चुका है। ऐसी विषम स्थिति में हिन्दुओं को संगठित होने का आवाहन प्रमुख मार्गदर्शक,पूज्य संत – रामज्ञानी दास महाराज, तिरखेड़ी आश्रम इन्होंने उपस्थित हिन्दू समाज को किया। इस समय उन्होंने आश्वासन भी दिया कि जहां भी हिन्दुओं का धर्मांतरण कराया जा रहा है, उसे रोकने के लिए अगर उनकी आवश्यकता हो तो वें किसी भी समय धर्मांतरण रोकने में पूरा सहयोग करेंगे।
इतिहासकार प्राचार्य ओ सी पटले ने वर्तमान भारतीय शिक्षा विषयक कानून एवं शिक्षा के द्वारा सनातन हिन्दू धर्म के साथ किस प्रकार अन्याय किया जा रहा है, इसे अनेक ज्वलंत अनुभवों के आधार पर स्पष्ट किया और स्वामी विवेकानन्द का संदर्भ देते हुए उन्होंने भारतीय इतिहास को परिभाषित किया कि सनातन हिन्दू धर्म जब- जब कमजोर हुआ है,तब- तब भारत भी कमजोर हुआ है तथा भारत का पतन हुआ है। इसके विपरित जब – जब सनातन हिन्दू धर्म शक्तिशाली बना है,तब- तब भारत शक्तिशाली बना है एवं उसका उत्कर्ष हुआ है। अतः “सनातन हिन्दू धर्म ही भारतवर्ष की प्राणशक्ति” है। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय को उच्च स्वर में आवाहन करते हुए कहा कि ‘हिन्दू धर्म कमजोर होगा तो भारत और भारत के प्रजातंत्र को राष्ट्रविरोधी शक्तियों द्वारा नष्ट कर दिया जायेगा। इसलिए समस्त हिन्दुओं विश्व हिन्दू परिषद के नेतृत्व में राष्ट्र, धर्म, संस्कृति, संस्कार एवं नयी पीढ़ी के कल्याण के लिए संगठित होइए और संसार को अस्तित्व का एहसास कराईये।”
धर्म सभा में मुकेश अग्रवाल(उद्योगपति),भारत गंगोईया(अध्यक्ष व्यापारी असोसिएशन कटलरी),डाॅ. संतोष येवले,डाॅ. राणे,श्रीमति सीमा मड़ावी, पूर्व प्राचार्य मिताराम अंबुले, पूर्व प्राचार्य जगन अंबुले, नवीन जैन, बलाराम व्यास तथा विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, मातृशक्ति दुर्गावाहिनी आमगांव तालुका के पदाधिकारी, कार्यकर्ता एवं हिन्दू भाई बहनें बड़े पैमाने पर उपस्थित थे।