नागपुर में आध्यात्मिकता कि लहर, इस आध्यात्मिक लहर से सरोबार हुए नागपुर वासी निमित्त बने- पूर्व महापौर दयाशंकर तिवारी
न्यूज़प्रभात वृत्तसेवा
नागपुर : कभी जो सत्ययुग में ऋषि मुनियों तपस्वियों को मिला सौभाग्य यदि वो कलयुग में आम इंसा को भी प्राप्त हो जाए तो क्या कहेंगे इसे आप? शायद अपना बेहतरीन नसीब या एक अद्भुत चमत्कार जी हॉं! जो सोच से भी परे था आम इंसा के लिये कभी और यही सौभाग्य प्राप्त हुआ वर्ष २०२४ में नागपुर वासियों को सच भक्ति-भाव से भरा, अलौकिक द्विव्य सौभाग्य जिसमें सम्मिलित हो रोम-रोम पुलकित हो उठा और आशा है कि ऐसा सौभाग्य प्रतिवर्ष मिले हम नागपुर वासियों को और ये सौभाग्य आम इंसा को मिला है तो उस सौभाग्य को दिलाने के लिये अगर भगवान ने किसी को निमित्त बनाया है तो वो हैं नागपुर के पूर्व महापौर दयाशंकर तिवारी।
दयाशंकर तिवारी जो कि एक ऐसी सख्शियत हैं जिन्होंने कोरोना वायरस कि महामारी से जूंझ रहे समस्त भारत देश में लाॅकडाऊन के समय में नागपुर महाराष्ट्र के महापौर बन कर वो जिम्मेदारी निभाई अपनी जनता के प्रति जिसे घर का एक वरिष्ठ सदस्य, पिता तुल्य अपने बच्चों को संकट कि घड़ी में भी आंच नहीं आने देता है ठीक उसी तरह दयाशंकर तिवारी ने अपना किरदार निभाया महापौर कि भूमिका में रहकर । उन्हीं पिता तुल्य ने आज फिर खुद को साबित कर दिया की वो एक पिता तुल्य, वरिष्ठ सदस्य समान हैं घर के, क्यों कि उन्होंने वो कर दिखाया जो एक पिता को करना चाहिए अपने बच्चों को आध्यात्मिकता से जोड़ने के लिये । दयाशंकर तिवारी ने नागपुर के मानकापुर में स्थित प्राचीन शिव मंदिर जहॉं ना जाने कभी संतों ने तपस्या की होगी ऐसे प्राचीन शिव मंदिर कि मूर्तियां देखते ही बनती है। ऐसा लगता है कि जागरूक ये मूर्तियां स्वयं पल-पल भक्तों के भावों को देख रही हैं। आशीर्वाद दे रही हैं।
उसी मंदिर में ही 51 लाख पार्थिव शिवलिंग बनाने का संकल्प पहली बार दयाशंकर तिवारी ने लिया और इस नेक कार्य को पूरा करने के लिये मंदिर के प्रांगण में ही विशालकाय पंडाल लगवाया, पार्थिव शिवलिंग बनाने के लिये पवित्र घाट से मिट्टी मंगवाई गई और पंडितों, यजमानों द्वारा 5 अगस्त 2024 से 3 सितम्बर 2024 तक का समय तय किया और इस महान संकल्प में नागपुर ही नहीं अपितु नागपुर के आस-पास के गॉवों, जिलों, कस्बों से लोग सम्मिलित होने आए थे । यहॉं तक कि जयपुर राजस्थान से आए दीपक बख्तियानी भाई को भी सौभाग्य प्राप्त हुआ जिन्होंने अपने हाथों से पार्थिव शिवलिंग बना भगवान का कोटि-कोटि धन्यवाद कर चरणों में शीश झुका आशिर्वाद लिया । छोटे-छोटे नन्हे बच्चे उसी पवित्र प्रांगड़ में कभी चहल-कदमी करते हुए सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे तो कभी नन्हे बच्चे भी इस संकल्प में सौभाग्य पाकर अपनी ओर से भावों के साथ पार्थिव शिवलिंग बना रहे हैं वो चाहे अभी शिवलिंग निर्माण कर रहे अपने भावों के साथ परंतु उन्हें बड़े होकर समझ आने पर अनुभव होगा कि वो कितने सौभाग्यशाली थे कि उन्हें इस पवित्र कार्य के लिए भगवान ने चुना है । संकल्प में सहभागिता देने के लिये नन्हे-नन्हे हाथों से आकार देते पिंड को बच्चे अपने भावों अनुसार कोई सिर्फ गोल पिंड बनाते तो कोई लंबे तो कोई तो साक्षात शिव शंभू के पूज्यनीय शिवलिंग को जैसा मन किया बना रूप देते और साथ में बने उन नन्हे हाथों से नागराज देखते ही बनते हैं। बहुत से भक्त तो ननदी जी बना रहे । इस संकल्प में हजारों लोग रोज़ आए और रोज़ पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर आशिर्वाद प्राप्त करते जो संकल्प 51 लाख का था उससे भी कहीं अधिक पार्थिव शिवलिंग निर्माण अब तक भक्त भक्ति रस में डूबकर कर चुके हैं । शिवलिंग बनाते-बनाते साथ में महामृत्युंजय जाप चलता रहता है जो भक्तों में उर्जा का संचार करता है साथ में चार बजे से पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रों का उच्चारण फिर शुरू होता है। शाम को यजमानों द्वारा पूजा-पाठ करवा कर समस्त बने पार्थिव शिवलिंगों का विसर्जन वैदिक मंत्र उच्चारण द्वारा समस्त भक्तों द्वारा मिल सामुहिक रूप से किया जाता है। हर हर महादेव, जय जय शिव-शंभु के जयकारों संग गूंजता मंदिर का प्रागंण सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और नित यही क्रम अपनाया जाता । इस महासंकल्प में स्वयं दयाशंकर जी रोज़ 1100 पार्थिव शिवलिंग बनाते हैं या कभी-कभी श्रद्धानुसार उससे भी अधिक। राजू कैथवास ने बारह ज्योतिर्लिंगों को बहुत ही सुन्दर तरीके से बना सभी को अपनी ओर आकर्षित किया, आशा दयाशंकर तिवारी ने एक गमले के रूप में खिलते फूलों कि तरह रूप दे बारह ज्योतिर्लिंगों को रूप दिया, किसी ने पवित्र माटी से ही हर-हर महादेव लिखा तो किसी ने ओम नमः शिवाय ।
आज सनातनी धर्म कि भक्ति भरी प्रेमरस धारा अगर किसी ने पहली बार इतने सामुहिक रूप में बहाई है तो उस धारा को बहाने का जरिया भगवान ने दयाशंकर तिवारी को बनाया । आज धर्म जात-पात को भुला सामुहिक रूप से बहुत से लोग एक साथ सम्मिलित हुए इस महान संकल्प में, इस 51 लाख पार्थिव शिवलिंग के संकल्प को पूरा करते हुए उसी संकल्प को लगातार बढ़ाते हुए लगभग 70 लाख पार्थिव शिवलिंग निर्माण भक्त कर चुके हैं । आज भी भक्ति रस लोगों के हृदय में बह रहा और इसी संकल्प में मुझे भी सम्मिलित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। 4 सितंबर को महा हवन है जिसमें लोग आकर आहुति देकर लिये संकल्प का समापन करेंगे और 5 सितंबर को महाप्रसाद का आनंद लेंगे । प्रसाद का अर्थ बहुत ही सुन्दर एक भक्ति में लीन भक्त ने अपने सत्संग में सुनाया प्रसाद अर्थात प्रभु से साक्षात दर्शन । कोटि-कोटि नमन दयाशंकर तिवारी जी को जिन्होंने इतना सुंदर आयोजन रख सनातनियों को भक्ति का सुअवसर दिया । संकल्प पूरा होने पर केंद्रिय मंत्री नितिन गडकरी, देवेंद्र फडणवीस ,अन्य राजनैतिक सदस्यों ने व समस्त शिव भक्तों ने दयाशंकर तिवारी को बहुत बधाई दी और इस तरह के नेक आयोजन करने के लिये विशेष आभार प्रकट करते हुए आगे भी इसी तरह के आध्यात्मिक रस प्रवाह से सभी को जोड़े रखने का आग्रह किया । दयाशंकर ने कहा कि इस वर्ष सभी का साथ मिलने पर भक्ति भाव मे डूबे श्रद्धालुओं के भावों को देखते हुए अगले वर्ष भी इसी तरह का आध्यात्मिक कार्यक्रम रखने का विचार अभी से बना लिया है और कहा कि अगले वर्ष ओर अधिक बड़ा संकल्प लेने का विचार अभी से सोच रखा है ।
बुधवार 4 सितंबर को दोपहर 12 बजे से इस संकल्प यज्ञ की पुर्णाहुती, अभिषेक प्रारंभ हुआ अभिषेक पश्चात 11 हजार रूद्राक्ष महामृत्युंजय मंत्र से अभिमंत्रित कर महादेव को समर्पित किए गये और यज्ञ के बाद वही अभिमंत्रित रूद्राक्ष शिव भक्तो को प्रति रुद्राक्ष 25/- रूपये में प्राप्त दिये गये रूद्राक्ष से प्राप्त राशि को सामाजिक सेवा संस्थान लीला ताई देशमुख मतिमंद मुलींची शाला को दिये गये। गुरुवार दिनांक 5 सितंबर सुबह 9 बजे से सुंदर काण्ड पाठ एवं दोपहर 12 बजे से सभी शिव भक्तों हेतु प्राचीन शिव मंदिर मानकापुर परिसर में महाप्रसाद का आयोजन किया गया । जिसमें हजारों श्रद्धालु सम्मिलित हुए ।
इस आयोजन में अभी तक केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी , देवेंद्र फडणवीस ,अभिषेक कश्यप-प्रिती कश्यप, दयाशंकर तिवारी -आशा दयाशंकर तिवारी,पूजा बहुरिया,अमोल कोहले, राजू कैथवास, अमर खोड़े, बाबा सोमकेवर, दिगंबर हेडाऊ-संगीता हेड़ाऊ, चंद्रकला भरतीया, आर सी रस्तौगी-दीपा रस्तौग, विश्व सिंधी सेवा संगम से जुड़े समस्त पदाधिकारी वीना आडवाणी तन्वी, नयन आडवानी, दिपांशु आडवानी, शिल्पा तलरेजा, किरण जीवनानी, कशिश सच्चानी, केसर आडवाणी, हिमांशी दासवानी भी इस महा संकल्प में सम्मिलित हुए।