हिन्दी है तो हिन्दू है
हिन्दी भारत के प्राण है।
हिन्दी है तो धर्म है
हिन्दी सनातन के प्राण है।।१।।
हिन्दी है तो भारत है।
हिन्दी भारत के प्राण है।
हिन्दी हैं तो संस्कृति है
हिन्दी हिन्दुत्व के प्राण है।।२।।
हिन्दी राष्ट्र की भाषा है।
हिन्दी राष्ट्रीयता के प्राण है।
हिन्दी भारत की भाषा हैं
हिन्दी हैं तो भारत की शान है।।३।।
उर्दू के अतिक्रमण से
हिन्दी हो रही निष्प्राण है।
हिन्दी, हिन्दी जैसी हो
इसी में हमारी शान है।।४।।
देव भाषा संस्कृत ही है
हिन्दी की उत्पत्ति का स्थान।
संस्कृत के संस्कारों में ही
हिन्दी भाषा बन पायेगी महान।।५।।
काव्य विधा में हिन्दी
कुछ ऐसी घोलती है प्राण।
कि गीत के असर से
झूम उठते है सभी के प्राण।।६।।
-इतिहासकार प्राचार्य ओ सी पटले
प्रणेता – पोवारी भाषाविश्व नवी क्रांति अभियान,भारतवर्ष.
शनि.१४ सितंबर २०२४.
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