106 साल के गोपीचंद राणे का विरामशून्य संकल्प : खुद ही पेश हुए रजिस्ट्री के लिए…!

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# बुजुर्ग राणे कृषि भूमि के आवंटन विलेख के पंजीकरण के लिए रजिस्ट्री कार्यालय में हुए उपस्थित…

आमगांव : तहसील के दहेगांव के निवासी 106 वर्षीय किसान गोपीचंद विठोबा राणे गुरुवार को (26सितं) अपनी कृषि भूमि के आवंटन विलेख को पंजीकृत करने के लिए आमगांव में दुय्यम निबंधक के कार्यालय में उपस्थित हुए।

उपस्थित लोगों को एहसास हुआ कि इतनी उम्र में भी उनके उत्साह और शारीरिक प्रदर्शन में कोई कमी नहीं है। उम्र के इस पड़ाव पर भी वे बेहद ऊर्जावान और आत्मविश्वास से भरपूर हैं। बुजुर्ग राणे का जन्म 1 जनवरी 1918 को हुआ था और वर्तमान में वह अपने परिवार के साथ ग्राम दहेगांव में रहते हैं। अपनी उम्र को देखते हुए उन्होंने अपनी कृषि भूमि का बंटवारानामा दर्ज कराने में जो तत्परता दिखाई, वह सभी के लिए प्रेरणादायी है। द्वितीय रजिस्ट्रार (रजिस्ट्री कार्यालय) के अधिकारी एवं कर्मचारी भी उनकी कार्यकुशलता एवं मानसिक स्वस्थता से आश्चर्यचकित थे। राणे अपनी जीवनशैली से अच्छा स्वास्थ्य, लगातार काम करने की इच्छा और सकारात्मक दृष्टिकोण कैसे बनाए रख सकते हैं…! वे इसका अच्छा उदाहरण दे रहे हैं ।नियमित दिनचर्या, अनुशासित जीवन और काम के प्रति जुनून ही उनकी लंबी उम्र और कार्यकुशलता को बरकरार रखे हुए है। 106 वर्षों की इस यात्रा में उन्होंने कई गर्मियाँ/बरसाते/सर्दियाँ बिताईं। कठिनाइयों का सामना करने पर उन्होंने कभी भी अपने कर्तव्य को टूटने नहीं दिया। कृषि भूमि के पंजीकरण जैसे कार्य, जो आमतौर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए कठिन होता है, राणे ने स्वयं भाग लिया और पूरा किया।

उनके साहस और दृढ़ संकल्प को देखकर उन्होंने दर्शकों को एक गौरवान्वित और प्रेरणादायक क्षण दिया। उन्होंने रजिस्ट्री प्रक्रिया के सभी विवरणों को आत्मविश्वास और संपूर्णता के साथ देखा और आवश्यक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। राणे का ये अनुभव आज के युवाओं के लिए एक मिसाल बन गया है । बुढ़ापे के इस पड़ाव पर भी उन्होंने जो ऊर्जा और उत्साह दिखाया, वह युवा पीढ़ी के लिए एक सबक है। “उम्र सिर्फ एक संख्या है” उन्होंने अपने कार्यों से साबित कर दिया। उनकी उपलब्धियों, उनके अनुभवों और यात्राओं को निस्संदेह समुदाय के सभी लोगों को प्रेरित करेगा। राणे के जीवन का अब तक का यह नया अध्याय उनके लिए गर्व का क्षण है, और उनके बच्चे और पोते-पोतियां भी उनकी यात्रा का जश्न मनाते हैं।

रजिस्ट्री कार्यालय में अधिकारी सोनाली हर्षल पिंपले द्वितीय रजिस्ट्रार – श्रेणी 1 और कर्मचारियों ने कृषक राणे को इस अवसर पर गुलदस्ता प्रदान कर और मुह मीठा कर सम्मानित किया गया। उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना कर शुभकामनाएं दी गई।
उपरोक्त घटना क्रम में सहायक नगर नियोजक विशाल गोकुल पिचवे चंद्रकुमार मानकर, हेमलता नागपुरे, पत्रकार धनराज भगत, पत्रकार राजीव फुंडे और मुकेश जांगळे, नरेश शहारे, राजकुमार, प्रतापगड़े, तरूण टेंभरे आदि रजिस्ट्री कर्ता मौजूद थे।

“सरकारी सेवा के 26 साल के मेरे करियर में, यह पहला दिन है। मुझे कभी भी इतने बुजुर्ग व्यक्ति के भूमि स्वामित्व दस्तावेजों को पंजीकृत करने की याद नहीं है। कृषि भूमि के पंजीकरण जैसे कार्य बुजुर्ग लोगों के लिए कठिन हैं। दुय्यम रजिस्ट्रार कार्यालय में, बुजुर्ग व्यक्ति की उम्र 106 वर्ष है और वह अपना नाम, गांव और पता स्पष्ट रूप से बोलते है। मुझे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि इस उम्र में भी किसान को उसकी मानसिक फिटनेस, नियमितता और बिना ऐनक से स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। शाकाहारी भोजन,नियमित दिनचर्या, इन्ही मापदंडों के चलते उत्तम स्वास्थ्य के स्वामी है ऐसा मुझे लगता हैं।”

     – सोनाली हर्षल पिंपले
   दुय्यम निबंधक श्रेणी 1 आमगांव.

“हम नौ भाई-बहनोंमें, सात भाई और दो बहनों का एक बड़ा परिवार हैं। इनमें से तीन भाई जीवित हैं और हमारे बडे भाई 106 साल के है। मैंने बड़े भाई को हर दिन सुबह जल्दी उठकर खेत का काम करते देखा है कड़ी मेहनत, अनुशासित जीवन, आध्यात्मिक और सकारात्मक दृष्टिकोण और अच्छे स्वास्थ्य के लिए वह हमेशा अपने शरीर पर ध्यान देते है। वह आज भी अपने आहार में दूध,दही और घी का सेवन करते हैं और उनकी याददाश्त, दृष्टि अभी भी कायम है।”

   – नारायण राणे (छोटा भाई)
       दहेगाव, तह. आमगांव