गोंदिया : आगामी 01 दिसंबर 2024 को बिहार के पौराणिक धरोहर ऐतिहासिक भूमि राजगीर में धराधाम अंतर्राष्ट्रीय गोरखपुर, दिव्य प्रेरक कहानियाँ मानवता अनुसंधान केंद्र आजमगढ, और गौरैया विहग फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कार्यक्रम में पूर्व विदर्भ स्थित चावल नगरी गोंदिया के निवासी कवि, लेखक एवं प्रकाशक इंजी. गोवर्धन बिसेन (गोकुल) को साहित्यिक समाज सेवा के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान के लिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय मगध गौरव सम्मान से विभूषित किया जाएगा।
ज्ञात हो कि ऊपर वर्णित संस्थानों के मुखिया सौहार्द शिरोमणि डॉ. सौरभ पाण्डेय जी महाराज, डॉ. अभिषेक कुमार और राजीव रंजन के अगुवाई में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में संपूर्ण भारत वर्ष से राष्ट्र सेवा, एकता, बंधुत्व, भाईचारे, शांति, समरसता और संस्कृति रक्षा में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 50 असाधारण महानुभावों को सम्मानित किया जाना है तथा दिनांक 30 नवंबर 2024 को राजगीर स्थित मगध के ऐतिहासिक धरोहर/विरासत को सभी लोग एक साथ अवलोकन भी करेंगे एवं रात्रि में भारत भर से आए विद्वानों के साथ एक गोष्ठी का भी आयोजन होना है।
गोवर्धन बिसेन (गोकुल) महाराष्ट्र शासन के मृद एवं जलसंधारण विभाग (जि.प.गोंदिया) से जलसंधारण अधिकारी, गट ब (राजपत्रीत) पद से सेवानिवृत्त अधिकारी है. राष्ट्रीयस्तर की सामाजिक संस्था अखिल भारतीय क्षत्रिय पोवार (पँवार) महासंघ भारत के साहित्य समिती के वे अध्यक्ष है तथा अखिल भारतीय गायत्री परिवार के सदस्य भी है।
गोवर्धन बिसेन (गोकुल) के पोवारी बोलीभाषा में ‘मयरी’ काव्यसंग्रह तथा ‘पुरखाइनको गौरवशाली इतिहास’ (इतिहास, संस्मरण एवं लघु बोधकथाएँ) और मराठी भाषा में ‘मृदगंध’ काव्यसंग्रह प्रकाशित हुए है. इसके अलावा भारत के सबसे बडे बहुभाषी साहित्य मंच ‘स्टोरीमिरर’, ‘अमर उजाला’ ‘शाॅपीजन’ और ‘प्रतिलिपी’ के पटलपर उनकी पोवारी, मराठी एवं हिंदी की कई कथा, कविताएँ उपलब्ध है. उनकी कविताएँ दर्जनो साझा काव्य संग्रह प्रकाशित हुई है. कई सामाजिक पत्रिकाए एवं समाचार पत्र में भी उनकी कविता एवं लेख प्रकाशित होते रहते है।
वे जरुरतमंद साहित्यकारों के लिए किफायती मुल्योपर आय.एस.बी.एन. के साथ किताबों का प्रकाशन भी करते है. अभी तक उनके द्वारा स्वयं की ३ पुस्तको के साथ करिबन २० काव्य संग्रह, लेख संग्रह आदि पोवारी, मराठी एवं हिंदी पुस्तके प्रकाशित हुई है और ३ पुस्तके प्रकाशाधिन है।
पोवारी, हिंदी और मराठी के कई आभासी पटल पर काव्यस्पर्धा में सहभागी होकर राज्यस्तरपर प्रथम, व्दितीय क्रमांक के साथ उत्कृष्ट लेखन के लिए उन्हे कई बार सम्मान पत्र मिले है. उत्कृष्ट तथा सर्वश्रेष्ठ लेखन के लिए उन्हे ‘पोवारी साहित्य रत्न’, ‘साहित्य कला कुमुदिनी रत्न’, ‘राष्ट्रीय साहित्यकार’, ‘राष्ट्रीय प्रतिभा’, ‘लिटररी ब्रिगेडिअर’ आदि सम्मानों से पुरस्कृत भी किया गया है।
इसी वर्ष २०२४ में इनके ‘मयरी’ पोवारी काव्यसंग्रह को ‘सर्वोत्कृष्ट पोवारी साहित्य’ पुरस्कार और ‘मृदगंध’ मराठी काव्यसंग्रह को ‘राज्यस्तरीय विं.दा.करंदीकर’ पुरस्कार मिले है।