खाकी का बेदर्द चेहरा: दुष्कर्म पीड़िता की रिपोर्ट नहीं लिखी, उलटा वसूले पैसे…

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शिक्षा विभाग में बढ़ते अपराधः स्कूल प्रधान कब होंगे जिम्मेदार ?

गोंदिया : अपराध पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी जिनके कंधों पर है, जब वही अपराध को दबाने लगें, तो न्याय की उम्मीद कैसे की जाए? गोंदिया जिले के रामनगर पुलिस थाने में एक नाबालिग से दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करने के बजाय, पुलिस अधिकारियों ने पीड़िता के परिवार को बदनामी का डर दिखाकर मामला दबाने की कोशिश की। यही नहीं, उन्होंने पीड़िता के परिजनों से 25 हजार रुपए और आरोपी के परिवार से 1 लाख रुपए की अवैध वसूली भी कर ली।

घटना सामने आने के बाद पुलिस अधीक्षक गोरख भामरे ने 25 फरवरी को सहायक पुलिस निरीक्षक सुमेश खोपीकर और सिपाही प्रवीण रहिले को निलंबित कर दिया है।

जानकारी के अनुसार, शहर से सटे कुड़वा निवासी एक नाबालिग लड़की के साथ 9 फरवरी को दुष्कर्म हुआ। जब पीड़िता अपने परिजनों के साथ न्याय की गुहार लगाने रामनगर पुलिस थाने पहुंची, तो वहां मौजूद सहायक पुलिस निरीक्षक सुमेश खोपीकर और सिपाही प्रवीण रहिले ने मामला दर्ज करने के बजाय, उन्हें समझाने और डराने की कोशिश की।

बदनामी के डर से दबाए जाते हैं यौन शोषण के मामले :

गोंदिया जिले में पुलिसकर्मियों द्वारा दुष्कर्म पीड़िता की शिकायत दबाने का मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग पर भी सवाल उठने लगे हैं। कई बार स्कूलों में यौन शोषण की घटनाएं होती हैं, लेकिन स्कूल प्रधान और प्रबंधन बदनामी से बचने के लिए इन्हें छुपाने की कोशिश करते हैं।

शिकायत दर्ज कराने के बजाय पीड़िता और उसके परिवार पर दबाव बनाया जाता है। शिक्षा विभाग को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और ऐसे मामलों में संलिप्त स्कूल प्रधानों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

जब पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हो सकती है, तो शिक्षा विभाग के दोषियों पर कब होगी? क्या शिक्षा विभाग अब जागेगा या अपराधियों को यूं ही संरक्षण मिलता रहेगा?

इतना ही नहीं, पुलिस ने आरोपी प्रशिक भारतलाल लांजेवार को थाने बुलाकर उससे 1 लाख रुपए वसूले और पीड़िता के परिजनों से भी 25 हजार रुपए ले लिए। इस पूरे मामले की जानकारी रामनगर थाने के प्रभारी को भी नहीं दी गई।

थानेदार के संज्ञान में आते ही कार्रवाई : जब रामनगर थानेदार को इस भ्रष्टाचार और अन्याय की जानकारी मिली, तो उन्होंने तत्काल पुलिस अधीक्षक गोरख भामरे को इसकी सूचना दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने 25 फरवरी को सहायक पुलिस निरीक्षक और सिपाही को निलंबित कर दिया।

नाबालिग पीड़िता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने बनाथर निवासी आरोपी  प्रशिक भारतलाल लांजेवार के खिलाफ धारा 65(1), 75(2), 351(2), सहधारा 4, 8, 12 बाल लैंगिक अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।

इस घटना के बाद पूरे जिले में पुलिस प्रशासन को लेकर गहरा आक्रोश है। नागरिकों का कहना है कि जब पुलिसकर्मी ही न्याय के रास्ते में बाधा बनने लगें और अपराधियों से पैसे लेकर मामले को दबाने की कोशिश करें, तो आम जनता किस पर भरोसा करे।

साभार : दैनिक भास्कर

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