सांसद डॉ. नामदेव किरसान ने महाराष्ट्र सरकार के बजट को बताया निराशाजनक
आमगांव : महाराष्ट्र की महायुती सरकार द्वारा पेश किया गया बजट जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। गडचिरोली-चिमुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद डॉ. नामदेवराव किरसान ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह सरकार आम जनता की वास्तविक मांगों को पूरा करने में विफल रही है और चुनाव पूर्व किए गए वादों को पूरा करने से पीछे हट रही है।
जनभावनाओं के साथ सौदा? : सांसद किरसान ने कहा कि सरकार ने किसानों की ऋण माफी, ‘लाडली बहन’ योजना की किस्त बढ़ाने, बिजली बिल में 30% की कटौती, आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को स्थिर रखने, 10 लाख छात्रों को शिक्षा वजीफा प्रदान करने जैसी कई घोषणाएं की थीं। लेकिन सत्ता में आने के बाद सरकार ने इन वादों से मुंह मोड़ लिया है, जिससे जनता को गहरी निराशा हुई है।
किसानों की उपेक्षा पर सवाल : डॉ. किरसान ने किसानों के मुद्दों पर सरकार की उदासीनता की आलोचना करते हुए कहा कि पिछले 4-5 वर्षों से किसान बिजली मीटर की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इसके बजाय, सरकार सोलर फार्म पंप लगाने पर जोर दे रही है, जो धान की खेती के लिए अधिक उपयोगी नहीं है।
जनता के लिए राहत कहाँ? : उन्होंने कहा कि यह बजट बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, कृषि जिंसों की गिरती कीमतें, क्षतिग्रस्त किसानों को राहत, फसल बीमा का बकाया, मनरेगा योजना के अधूरे भुगतान, महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण, जल जीवन मिशन के अधूरे कार्य, रुके हुए औद्योगिक विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को सुलझाने में पूरी तरह असफल है।
सरकार को जनता के प्रति जवाबदेह बनना होगा : डॉ. किरसान ने कहा कि सरकार को जनता के प्रति जवाबदेह बनना होगा और उन वादों को पूरा करना होगा जो उसने सत्ता में आने से पहले किए थे। अन्यथा, यह बजट सत्ता में बने रहने की एक औपचारिकता मात्र बनकर रह जाएगा।

