

स्वामी विवेकानंद एक विश्वविख्यात विभूति थे, जिनका नाम भारत का हर बच्चा जानता है। असंख्य युवा उन्हें प्रेरणा का स्रोत मानते हैं। उनका जीवन न केवल आध्यात्मिकता से ओतप्रोत था, बल्कि कर्मठता, राष्ट्रभक्ति और अद्वितीय बौद्धिक शक्ति का प्रतीक भी था।
1893 में शिकागो की अंतर्राष्ट्रीय धर्म महासभा में उनके ओजस्वी भाषण ने उन्हें विश्वपटल पर एक विशिष्ट पहचान दिलाई। उनके विचारों ने न केवल विदेशों में भारत की छवि को सुदृढ़ किया, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को भी प्रेरित किया। महात्मा गांधी, सुभाषचंद्र बोस और अन्य क्रांतिकारी उनके विचारों से ऊर्जा प्राप्त करते थे। आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अनगिनत भारतीय उन्हें अपना आदर्श मानते हैं।
स्वामी विवेकानंद की अद्भुत सफलता और लोकप्रियता, साथ ही महान विभूतियों द्वारा उन्हें प्रेरणास्रोत के रूप में स्वीकार करना, उनकी अप्रतिम महानता का परिचायक है। आइए, उनके दिव्य व्यक्तित्व और सफलता के प्रेरक बिंदुओं को एक संगठित काव्यात्मक स्वरूप में प्रस्तुत करते हैं—
स्वामी विवेकानंद: प्रेरणादायक काव्य
पवित्र था जीवन उनका,
निर्मल था व्यवहार।
निर्भयता थी रोम-रोम में,
श्रेष्ठ था उनका त्याग।।
ओजस्वी वाणी थी स्वामीजी की,
विस्तृत थे विचार।
विपुल था उनका ज्ञान और,
अंग्रेजी पर अधिकार।।
भाषा पर था प्रभुत्व उनका,
शब्दों का भंडार।
जोशीला था वक्तव्य उनका,
उत्साहवर्धक संवाद।।
विश्व-कल्याण की भावना से,
परिपुष्ट थे विचार।
समन्वय की पराकाष्ठा थे,
प्रासंगिक थे विचार।।
साकार और निराकार का,
करते थे सम्मान।
समता और स्वतंत्रता का,
करते थे पुरस्कार।।
राष्ट्रभक्ति से अनुप्राणित थे,
स्वामीजी के विचार।
तोड़ते थे हर प्रकार के,
मतभेदों की दीवार।।
जो भी करता स्वामीजी से,
जिज्ञासा युक्त सवाल।
स्वामीजी के उत्तर से,
मिल जाता तत्काल समाधान।।
उनके ज्ञान के आगे सबका,
फीका पड़ता ज्ञान।
अतः सभी पर शीघ्र पड़ता,
उनका दिव्य प्रभाव।।
जीवन की सफलता होती है,
उत्साह पर निर्भर।
विवेकानंद पाए सफलता,
उत्साह और पुरुषार्थ के बल पर।।
स्वामी विवेकानंद के जीवन में सफलता के सभी आवश्यक गुण विद्यमान थे—निर्भीकता, ओजस्विता, भाषाशक्ति, विचारों की व्यापकता, समन्वय की भावना और राष्ट्रभक्ति। जो भी अपनी जीवन-यात्रा में सफलता प्राप्त करना चाहता है, उसके लिए विवेकानंद के इन गुणों को आत्मसात करना आवश्यक है।
✍️ ओ.सी. पटले, इतिहासकार, आमगांव (M.S.)
उप-संपादक: शब्दों की आत्मा (Soul of Words)
(राष्ट्रीय एकता की प्रतीक द्विमासिक हिन्दी पत्रिका, सोनीपत, हरियाणा)
मंगलवार, 25 मार्च 2025
जय हिंद!






