

पोवार समाज मा विद्रोह को नहीं बल्कि क्रांति को दौर शुरू से. सत्ता प्राप्ति साती विद्रोह होसे. परिष्कार अथवा सुधार साती क्रांति होसे. सामाजिक व्यवस्था मा जब् अनुचित कार्यों की भरमार होय जासे व समाज रसातल ला जान की नौबत आय जासे तब् आमूलाग्र सुधारों को उद्देश्य लक क्रांति होसे.पोवार समाज मा 2018 पासून वैचारिक क्रांति को सूत्रपात भयेव व भाषिक क्रांति सफल भयी. समाज मा व्याप्त विभिन्न समाज विरोधी नीतियों को कारण या वैचारिक क्रांति धीरु- धीरु बहुआयामी बनत गयी. वर्तमान पोवार समाज मा समग्र वैचारिक क्रांति को दौर पूर्ण आवेग लक शुरू से. आओ , अवगत करबीन संगठित काव्यात्मक स्वरुप मा समग्र पोवारी चेतना व क्रांति को संक्षिप्त इतिहास अना रुपरेखा –
।। समग्र पोवारी चेतना व क्रांति।।
पोवार समाज मा
शुरु होतो भाषा को नाव बदलन को प्रयास।
परिणामस्वरूप समाज मा
भयेव पोवारी भाषिक अस्मिता को शंखनाद ।।
पोवार समाज मा
शुरु होतो इतिहास ला बिगाड़न को प्रयास।
येको कारण समाज मा
भयेव मूल इतिहास बचावन को शंखनाद ।।
पोवार समाज मा
शुरु होतो पहचान नष्ट करन को षड़यंत्र ।
येको कारण समाज मा
भयेव मूल पहचान बचावन को शंखनाद ।।
पोवार समाज मा
शुरु होतो हिन्दू धर्म की उपेक्षा को काम।
येको कारण समाज मा
भयेव धर्म चेतना जगावन को शंखनाद।।
पोवार समाज मा
शुरु होतो समाज ला भ्रमित करन को काम।
येको कारण समाज मा
भयेव समग्र वैचारिक चेतना को शंखनाद ।।
पोवार समाज मा
गतिमान होतो जातिय मिलावट को षड़यंत्र।।
येको कारण समाज मा
भयेव छत्तीस कुल की एकता को शंखनाद ।।
क्रांति को शंखनाद लक
युवाशक्ति मा भयेव आक्रोश को संचार।
युवाओं को बल पर चल पड़ेव
समाज मा समग्र पोवारी क्रांति अभियान।।
अंततः सामाजिक कर्तव्य को बोध करावता दूय छंद निम्नलिखित सेत –
सत्य इतिहास को संरक्षण
समाज को हर सदस्य की से जिम्मेदारी।
सांस्कृतिक धरोहर को संवर्धन
समाज को हर सदस्य की से जिम्मेदारी।।
समाज मा वैचारिक क्रांति
साकार करनो से प्रबुद्ध वर्ग की जवाबदारी।
समाज हितों को
संरक्षण संवर्धन करनो से सबकी जवाबदारी।।
जय हिन्द
ओ सी पटले, इतिहासकार
पोवारी भाषिक, सांस्कृतिक व वैचारिक क्रांति अभियान, भारतवर्ष.
शनि. 29/3/2025.
♦️






