पोवारी भाषा को विशेष संदर्भ मा साहित्य सम्मेलन की आवश्यकता व महत्त्व -प्राचार्य ओ सी पटले, इतिहासकार

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♦️ भवभूति की पावन जन्मस्थली, आमगांव मा आगामी दिनांक 11/5/2025 ला पोवारी साहित्य सम्मेलन आयोजित करेव गयी से .
♦️ साहित्य सम्मेलन को उपलक्ष्य मा भवभूति महाविद्यालयात व आमगांव नगरी मा अपूर्व उत्साह से .
♦️ साहित्य सम्मेलन मा पोवारी भाषा की नवीन पुस्तकों को प्रकाशन समारोह भी संपन्न होये . येको कारण पोवारी साहित्यिकों व पोवार समाज मा अथांग उत्साह व खुशी को वातावरण से.
♦️ प्राचीन संस्कृत महाकवि की जन्मस्थली मा पोवारी साहित्य सम्मेलन को आयोजन या एक ऐतिहासिक घटना से. असो पावन अवसर पर पोवारी साहित्य सम्मेलन की आवश्यकता व महत्त्व परिभाषित करनो येव प्रस्तुत लेख व कविता को प्रमुख उद्देश्य से.

नवयुग मा साहित्य सम्मेलन की अनिवार्यता
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जूनो जमानों मा मातृभाषा पोवारी संकटग्रस्त नोहती. येको कारण पोवारी साहित्य सम्मेलनों की आवश्यकता नोहती. वर्तमान युग मा मातृभाषा व संस्कृति को सम्मुख अस्तित्व को संकट ऊभो से. येको कारण मातृभाषा मा साहित्य सृजन ला प्रोत्साहित करनो , मातृभाषा को संवर्धन करनो व विकसित भाषा बनावनों आवश्यक भय गयी से. येन् उद्देश्यों को प्राप्ति साती कमसे कम प्रतिवर्ष एक घन साहित्य सम्मेलन लेनो नितांत आवश्यक से. साहित्य सम्मेलनों को महत्व वर्णित करती एक स्वरचित कविता निम्नलिखित से –

।।पोवारी साहित्य सम्मेलनों को महात्म्य।।

सम्मेलन अनिवार्य सेती
मातृभाषा ला प्रोत्साहित करन साती।
सम्मेलन अनिवार्य सेती
मातृभाषा पोवारी को ऊंची उड़ान साती ।।

सम्मेलन अनिवार्य सेती
भाषा संवर्धन ला प्रोत्साहित करन साती।
सम्मेलन अनिवार्य सेती
साहित्य सृजन ला प्रोत्साहित करन साती।।

जब-वरी समाज मा
साहित्य सम्मेलन को होत जायें आयोजन।
तबवरी समाज मा
मातृभाषा पोवारी को होत जायें संवर्धन।।

जब-वरी समाज मा
जीवंत रहें साहित्य सम्मेलन की रीत।
तबवरी समाज मा
गूंजत जायेती पोवारी भाषा का गीत।।

जब-वरी समाज मा
चलत जायें साहित्य सम्मेलन की रीत।
तबवरी समाज मा
मातृभाषा पोवारी होत जायें प्रवाहित।।

जब-वरी समाज मा
होत जायेती पोवारी साहित्य सम्मेलन।
तबवरी होत जायें
मातृभाषा पोवारी को सशक्तिकरण।।

साहित्य सम्मेलन सेती
पोवारी संस्कृति को पाठ की रीढ़ समान।
टूंट जायें यदि रीढ़
पोवारी भाषा ना संस्कृति होये निष्प्राण।।

साहित्य सम्मेलन सेती
मातृभाषा पोवारी साती उर्जा केंद्र समान।
साहित्य सम्मेलन लक
साहित्यिकों मा होसे नवों उत्साह को संचार।।

सम्मेलन अनिवार्य सेती
मातृभाषा ला प्रोत्साहित करन साती।
सम्मेलन अनिवार्य सेती
मातृभाषा पोवारी को ऊंची उड़ान साती ।।

-ओ सी पटले
प्रणेता -Powari Bhasha Vishva Navi Kranti, PBVNK.
मंगलवार,22/4/2025.
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